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Exclusive : Nepal में भारतीय वाहनों के आवागमन को रोकने की साजिश !

नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों पर बढ़ाया रोड परमिट शुल्क

नेपाल डेस्क : पड़ोसी नेपाल में पर्यटन के लिए जाने वाले लोगों के लिए तथा पर्यटन बढ़ाने के इच्छुक विभिन्न नेपाली व्यवसायियों के लिए नेपाल सरकार ने मुश्किलें बढ़ा दी है। भारतीय वाहनों पर नेपाल यातायात विभाग ने रोड परमिट शुल्क में सौ प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है, जिससे नेपाली व्यवसायियों में क्षोभ है।

नेपाल सरकार ने भारतीय टूरिस्टों की बढ़ाई मुश्किलें, भंसार के अतिरिक्त देना होगा रोड़ परमिट शुल्क

हिमालयी व पर्यटकीय देश नेपाल में भारतीय वाहनों के शोषण की खबरें प्रायः सुर्खियों में तो रहती ही है, अब नेपाल सरकार ने भी भारतीय टूरिस्टों की मुश्किलें बढ़ा दी है। भारतीय वाहनों से नेपाल में भंसार (कस्टम) के अलावा अब काफी बढ़ाया गया रोड परमिट शुल्क वसूला जाएगा। नेपाल में भारतीय नंबर प्लेट के वाहनों पर वहां के यातायात विभाग ने रोड परमिट शुल्क का नया टैरिफ जारी किया है, जो भंसार के अतिरिक्त देय होगा। इसके लिए नेपाल यातायात विभाग से रसीद लेकर ही गंतव्य की ओर बढ़ना होगा। रोड परमिट नहीं रहने पर एक हजार से 5 हजार रुपए जुर्माना देना पड़ सकता है।

नेपाल सरकार ने भारतीय नंबर प्लेट वाहनों के लिए जारी किया नया टैरिफ

नेपाल सरकार द्वारा भारतीय वाहनों पर छह दिन पूर्व बढ़ाए गए प्रवेश शुल्क को नेपाल कस्टम, ट्रैफिक पुलिस सख्ती से लागू करने की तैयारी में है।नेपाल यातायात विभाग द्वारा बीते 30 अगस्त को जारी आदेश के मुताबिक, अब नेपाल में प्रवेश करने वाली भारतीय मोटरसाइकिल को रोड परमिट के रूप में दुगुना यानि कि सौ नेपाली रुपए के बजाय दो सौ नेपाली रुपए देने होंगे। इसी प्रकार मालवाहक मिनी ट्रक से 5 सौ की बजाय 7 सौ, छोटे चारपहिया वाहनों से 5 सौ की जगह 6 सौ और ट्रक से 7 सौ की जगह पूरे एक हजार रुपए वसूले जाएंगे। नेपाल भंसार (कस्टम) और ट्रैफिक पुलिस सरकार के निर्देश पर सक्रिय हो गई है और निर्देश का सख्ती से सख्ती पालन करने की तैयारी में है।

भारतीय वाहनों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ, बढ़ेगी ढुलाई दर

ट्रक चालक महेश यादव, ज्ञानेंद्र तिवारी, मुश्ताक, रामदीन आदि ने कहा कि नेपाल के नए नियम से भारतीय वाहनों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा, ढुलाई दर भी बढ़ेगा जिसका दूरगामी असर भी हो सकता है।

पर्यटकीय विकास की रफ्तार पर लगेगी ब्रेक

नेपाल पर्यटन हेतु जाने आने वाले डॉ. राजन उपाध्याय, दिनेश चंद्र मिश्र, रानू श्रीवास्तव, राकेश सिंह, अलकेश शुक्ल, अंजनी सिंह, सुनील श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, मदन लाल जायसवाल, दया शंकर मौर्य, कृष्ण प्रताप सिंह, आदि लोगों ने कहा कि यह समझ से परे है कि नेपाल सरकार पर्यटन और राजस्व बढ़ाना चाहती है या पर्यटकीय विकास की रफ्तार को ब्रेक लगाना चाहती है।

आर्थिक मंदी के समय में ध्वस्त होगा नेपाल का पर्यटन, आयातित वस्तुओं के मूल्य में होगी वृद्धि

चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, कृष्णानगर (नेपाल) के अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, प्रतिष्ठित व्यवसाई अशोक अग्रहरि, पवन अग्रवाल, जितेंद्र गोयल ने कहा कि भारतीय लोगों, वाहनों, पर्यटकों पर आर्थिक दबाव बढ़ाना वर्तमान परिवेश में उचित नही है। इस आर्थिक मंदी के समय में पर्यटन ध्वस्त होगा और आयातित जरूरी वस्तुओं में मूल्य वृद्धि होगी।

चीन के दबाव में सरकार द्वारा लिया गया है निर्णय !

द्विदेशीय व्यवसाय से जुड़े श्याम मिश्र ने अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय वाहनों का नेपाल में प्रवेश रोकने की साजिश से इंकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि रोड परमिट में बढ़ोत्तरी के बाद से इस चर्चा को और बल मिल रहा है कि ऐसा चीन के दबाव में किया गया है और वर्तमान सरकार चीन समर्थित है। नेपाल के पर्यटन व्यवसाई भी टैक्स वृद्धि से असंतुष्ट हैं, उन्होंने प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताते हुए सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है।

 

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