Death Under Suspicious Circumstances : ढेबरुआ चौराहे पर संदिग्ध परिस्थितियों में दो सगे भाइयों की मौत, पुलिस के मुताबिक दुर्घटना, परिजन जता रहे हत्या की आशंका
परिजनों ने डीएम की गाड़ी को रोककर की फरियाद, डीएम ने जांच करवाकर कार्रवाई का दिया आश्वासन

सिद्धार्थनगर : ढेबरुआ थाना के ढेबरुआ चौराहे पर मंगलवार की देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में दो सगे भाइयों की मौत हो गई। ये अपनी जेसीबी से पेड़ के जड़ खुदाई करने गए थे, इसी दौरान एक कार ने सामने से टक्कर मार दी। घटना में कार चालक एक स्थानीय पत्रकार भी गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतकों के परिजनों ने दोनों की हत्या की आशंका जताते हुए जिलाधिकारी डॉ. राजागणपति आर से जांच की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम भोपलापुर के क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) धीरेश सैनी उर्फ विक्की (28 वर्ष) और उनका बड़ा भाई अवधेश सैनी उर्फ बंटी (32 वर्ष) पुत्रगण शिवशंकर सैनी अपनी जेसीबी से कमाई करके परिवार का भरण पोषण करते थे। उनके पिता शिवशंकर ने बताया कि जेसीबी का स्थाई ड्राइवर कई दिनों से छुट्टी पर बांसी क्षेत्र स्थित अपने गांव बेलौहा गया हुआ था। 14 जनवरी, मंगलवार की रात इटवा थाना क्षेत्र के संग्रामपुर के पास स्थित कपियवा का रहने वाला अस्थाई ड्राइवर प्रदीप आया और कहा कि ढेबरुआ में कुछ पेड़ के जड़ों की खुदाई करनी है, बदले में घंटे का 5 हजार रुपए मिलेगा। जिसके बाद ड्राइवर प्रदीप जेसीबी और दोनों भाई धीरेश और अवधेश अपनी बोलेरा से ढेबरुआ गए थे। इसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में दोनों का क्षत-विक्षत शव मिला।
इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती पत्रकार पंकज चौबे
पुलिस के मुताबिक गोल्हौरा मुस्तकम निवासी पत्रकार पंकज चौबे, ब्लॉक पर तैनात सेक्रेटरी संजय कुमार की विटारा ब्रेजा कार (यूपी47एसी 2690) मांगकर कहीं गए थे, मंगलवार की रात अकेले वापस आ रहे थे। वे भी मौके पर गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिले हैं। पंकज चौबे की आंख चोटिल होने के कारण जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया है।
मृतकों के मामा के लड़के तथा बांसी क्षेत्र के रहने वाले धर्मेंद्र सैनी ने बताया कि कुछ लोग पेड़ की जड़ की खुदाई के बहाने दोनों को ढेबरुआ बुलाए थे। जिसके बाद दोनों की हत्या कर दी गई। इससे संबंधित अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। अभी हम लोग पोस्टमार्टम हाउस पर हैं। घर पहुंचने के बाद तहरीर दी जाएगी।
पुलिस बता रही दुर्घटना, परिजन व्यक्त कर रहे हत्या की आशंका
पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस इसे दुर्घटना बता रही है वहीं क्षेत्रीय लोग घटना को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। कुछ लोग इसे हादसा मान रहे हैं तो मृतक के परिजन इसे हत्या की घटना बता रहे हैं।
डीएम डॉ. राजगणपति आर से जांच की फरियाद करने परिजन
डीएम की गाड़ी को रोककर की फरियाद
ढेबरूआ क्षेत्र में जेसीबी संचालित करने वाले दो सगे भाइयों के शव का पोस्टमार्टम करा रहे परिजनों ने उनकी हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए डीएम से गुहार लगाई। मृतक के परिजन धर्मेंद्र सैनी और राकेश सिंह, हन्नान खान, गुड्डु श्रीवास्तव आदि ने पोस्टमार्टम हाउस के सामने से गुजर रहे डीएम डॉ. राजागणपति आर के वाहन को रोक दिया। डीएम के सामने परिजनों ने दोनों युवक की हत्या का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग की। डीएम ने जांच करवाकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
किस काम के 5 हजार रुपए घंटे मिलने थे
लोगों के बीच यह यक्ष प्रश्न दिन भर चर्चा में रहा कि जेसीबी ड्राइवर मौके से फरार क्यों हो गया ? ड्राइवर के माध्यम से जेसीबी को कौन बुलवाया था ? किसकी जमीन से पेड़ के जड़ की खुदाई करनी थी ? पेड़ के जड़ की खुदाई वाली जमीन का वर्तमान कब्जेदार कौन है ? एक सवाल यह भी लोगों के बीच चर्चित रहा कि सामान्य तौर पर एक जेसीबी को एक घंटे के काम के बदले 12 सौ रुपए से 3 हजार रुपए तक किराया मिलता है लेकिन वह कौन सा काम था कि अवधेश और धीरेश को एक घंटे काम के बदले 5 हजार रुपए देने की बात कह कर बुलाया गया था।
भोपलापुर में मृतकों के घर पर पसरा सन्नाटा
तीन नाबालिग बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया, टूट गई शिव शंकर व किरन बाला के बुढ़ापे की लाठी
बीते मंगलवार की रात ढेबरुआ चौराहे पर संदिग्ध परिस्थितियों में दो सगे भाइयों अवधेश और धीरेश की मौत के बाद उनके तीन नाबालिग बच्चों के सर से पिता का साया उठ गया। अवधेश की 26 वर्षीय पत्नी अनीता विधवा हो गई, बेटे मयंक (8 वर्ष) तथा बेटी माही (6 वर्ष) के सिर से पिता का साया उठ गया। अवधेश के छोटे भाई तथा बीडीसी धीरेश की दो साल पहले। महराजगंज जिले के कोल्हुई बाजार में अनुपम के साथ शादी हुई थी, साल भर पहले दोनों को एक बेटा हुआ था। प्यार से सभी उसे अंश उर्फ वंश कहते थे। अंश उर्फ वंश अभी अपने पिता को ठीक से पहचान भी नहीं पा रहा था कि अचानक वह अनाथ हो गया। एक साथ दो बेटों की मौत के बाद पिता शिवशंकर तथा मां किरन बाला के बाद जैसे उनके बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। उनके दो ही बेटे थे, एक साथ दोनों की मौत से उन पर जैसे पहाड़ सा टूट पड़ा। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
सिद्धार्थ, एडिशनल एसपी