Bareilly : संघर्षों के दम पर लेकर रहेंगे पुरानी पेंशन- चेत नारायण सिंह
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अधिवेशन का दूसरा दिन, शिक्षकों से संबंधित 14 प्रस्ताव सदन में प्रस्तुत, सभी प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित

बरेली डेस्क : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के 58वें प्रांतीय सम्मेलन का द्वितीय सत्र में सदन के समक्ष 14 प्रस्ताव प्रस्तुत किये। सदन में प्रस्तुत प्रस्ताव पर खुली बहस हुई और सम्पूर्ण प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। सदन की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व संचालन महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने किया।
बरेली में आयोजित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के 58वें प्रांतीय सम्मेलन में प्रस्तुत 14 प्रस्तावों को प्रदेश उपाध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह, श्रीनारायण दूबे, गिरेंद्र कुशवाहा, महेश चंद्र शर्मा, नरसिंह बहादुर सिंह, सुलेखा जैन, प्रदेश मंत्री डॉ. संजय द्विवेदी ने प्रस्तुत किया। सदन के खुले मंच पर प्रस्तुत 14 प्रस्तावों के समर्थन में प्रदेश के 75 जनपदों के जिलाध्यक्ष व मंत्रियों से विचार माँगा गया। सभी ने प्रस्ताव का खुला समर्थन किया।
प्रस्ताव के समर्थन में इन्होंने रखे अपने विचार
प्रस्ताव के समर्थन में महेश राम, गिरिजानंद यादव, रविंद्र सिंह, राजेश राय, अरुण सिंह, श्रवण कुमार तिवारी, संदीप सिंह, विनय सिंह, प्रमोद कुमार सिंह, मनोज सिंह, रंजीत सिंह, गुलाब चंद्र मौर्य, अजय प्रताप सिंह, अशोक चौरसिया, सुधाकर सिंह, दिनेश चक्रवर्ती, जय प्रकाश सिंह, शैलेश कुमार सिंह, राकेश सिंह, राम प्रकाश सिंह, अजय कुमार सिंह, विजय सिंह यादव, चंद्रप्रकाश दुबे, दयाशंकर सिंह, सुजीत चौरसिया, अरविंद सिंह, राजेश राय, विनोद राय, देवी प्रसाद पांडेय, वीरेंद्र भारती ने अपने विचार रखें।
इस दौरान ये रहे उपस्थित
एस दौरान सदन में संरक्षक व सदस्य विधान परिषद राज बहादुर सिंह चंदेल, विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा, वहिदुल्लाह शहीदी, पूर्व एमएलसी लवकुश मिश्रा, रजनीश चौहान, महेश चंद्र शर्मा, प्रदीप पटेल, ब्रजेश कुमार दीक्षित, राम कुमार कोली, मोना शर्मा, वाणी पाराशरी, देव स्वरुप त्रिवेदी, प्रतिभा शर्मा, विजय यादव आदि उपस्थित रहे।
सदन में प्रस्तुत व पारित प्रस्ताव
प्रस्ताव 1. केंद्र व राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल करें।
प्रस्ताव 2. शिक्षकों की सेवा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चयन बोर्ड 1982 की धारा 12,धारा 18 व धारा 21 को ज्यों का त्यों उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में प्रतिस्थापित किया जाय। शिक्षा सेवा चयन आयोग की धारा 11(6) को समाप्त ना करके संशोधित किया जाय।
प्रस्ताव 3. उत्तर प्रदेश सरकार तदर्थ शिक्षकों के सन्दर्भ में विनोद कुमार श्रीवास्तव व अन्य में पारित आदेश को संज्ञान में लेते हुए शासनादेश जारी कर ऐसे सभी तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण व वेतन भुगतान किया जाय।
प्रस्ताव 4. प्रदेश के माध्यमिक शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति चिकित्सकीय सुविधा प्रदान करते हुए केशलेश भुगतान की व्यवस्ता किया जाय।
प्रस्ताव 5. इण्टरमीडिएट शिक्षा अधिनियम की धारा 7 (4) की परिधि में आने के बाद शिक्षकों,कर्मचारियिों के सेवा नियमावली बनाकर पूर्णकालिक शिक्षक/ कर्मचारी का दर्जा दिया जाय तथा इन्हें सम्मानजनक मानदेय वेतन की व्यबस्था की जाय। शासन के पत्र दिनांक 05 सितम्बर 2021 व शिक्षा निदेशक (मा.) के पंत्र दिनांक 13 सितम्बर 2021 के अनुसार मानदेय /वेतन संबंधित के खाते में सीधे अन्तरण भुगतान सुनिश्चित किया जाय।
प्रस्ताव 6. माध्यमिक शिक्षा परिषद में मान्यता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों की प्रभावी भूमिका हेतु इण्टरमीडिएट शिक्षा संशोधन आधानयम 2007 में संशोधन कर अधिनियम 1977 धारा 3 ग के अनुसार पुनर्गठन करके परिषद के स्वायत्तशासी स्वरूप को बहॉल किया जाय।
प्रस्ताव 7. आमेलित विषय विशेषज्ञ को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
प्रस्ताव 8. उत्तर प्रदेश सरकार ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया में सरलीकरण करते हए स्थानान्तरण नीति सुनिश्चित कर लागू किया जाए।
प्रस्ताव 9. कम्प्यूटर अनुदेशक व व्यावसायिक शिक्षा योजना अंतर्गत अतिथि विषय विशेषज्ञो हेतु पद सृजन कर उनका समायोजन किया जाय।प्रस्ताव 10. शिक्षकों के चयन व प्रोन्नत वेतनमान की स्वतः देयता सुनिश्चित किया जाय।
प्रस्ताव 11. महिला शिक्षकों की देय सुविधा एवं उनकी निजता को ध्यान रखते हुए विद्यालयों में समु्चित व्यवस्था की जाय।
प्रस्ताव 12. राशिकृत राशि का पुनर्स्थापना 15 वर्ष के बजाय 12 वर्ष में किया जाए। कंप्यूटेशन अवधि 15 वर्ष से घटकर 12 वर्ष कर दिया जाए।
प्रस्ताव 13. पेंशनर को 70 वर्ष से ही अतिरिक्त पेंशन की सुविधा प्रदान की जाए।
प्रस्ताव 14. 8वें वेतन आयोग के गठन के उपरान्त उसकी सिफारिशों को नियत समय पर लागू की जाय साथ ही साथ 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को वेतन का अंग मानते हुए महंगाई भत्ता/राहत व अन्य भत्ता राशि संशोधित की जाय।